बिश्नोई, भाऊ, काला जठेड़ी... कैसे दिल्ली को अपने खेल का मैदान बना रहे ये गैंगस्टर

नई दिल्ली: सिर्फ बिश्नोई ही नहीं कई और दूसरे गैंगस्टर इस वक्त दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। बवाना-बाली, गोगी गिरोह, रोहित गोदारा, काला जठेड़ी, अर्श डल्ला, भाऊ तमाम ऐसे गैंगस्टर हैं जो राजधानी दिल्ली में क्राइम की रफ्तार को बढ़ाने में ज

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नई दिल्ली: सिर्फ बिश्नोई ही नहीं कई और दूसरे गैंगस्टर इस वक्त दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। बवाना-बाली, गोगी गिरोह, रोहित गोदारा, काला जठेड़ी, अर्श डल्ला, भाऊ तमाम ऐसे गैंगस्टर हैं जो राजधानी दिल्ली में क्राइम की रफ्तार को बढ़ाने में जुटे हैं। इन दिनों, जब दिल्ली में किसी आउटलेट पर गोलियों की आवाज सुनाई देती है तो पुलिस वाले तुरंत गोलियों की संख्या पूछने लगते हैं। अगर एक दर्जन से ज्यादा गोलियां चलती हैं, तो पहला शक भाऊ पर होता है। भाऊ के बारे में पता चला है कि वह अपने दो करीबी साथियों - योगेश कादियान और साहिल के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो विदेश में हैं और उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किए गए हैं। हाल के दिनों में क्राइम की घटनाओं को देखकर यह साफ है कि कैसे यह गैंगस्टर दिल्ली को अपने खेल का मैदान बनाने में जुटे हैं।
तिलक नगर में गोलीबारी की घटना के बाद कई सवाल
बाली और बवाना गैंग दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। दिल्ली और हरियाणा में इस गैंग की ओर से कई व्यापारियों को धमकियां दी गई हैं। फरवरी और मार्च में दिल्ली और सोनीपत में हुई दो हत्याओं में पुलिस अभी शूटर की पहचान के बारे में अंधेरे में है। पुलिस सोनू नाम से जाने जाने वाले अपराधी की तलाश में है। माना जा रहा है कि यह इन हत्याओं में शामिल था। मामले की जांच कर रही स्पेशल टीम ने कहा कि उनकी जांच से पता चलता है कि भाऊ और फरीदपुरिया ने शूटरों की व्यवस्था की होगी। घटनास्थल के पास भागने वाली बाइक पर मौजूद स्पॉटर बाली का गुर्गा था। पिस्तौल फरीदपुरिया ने उपलब्ध कराई होगी, जो जेल में बंद गैंगस्टर कौशल का करीबी सहयोगी है। सोमवार दिल्ली के तिलक नगर में गोलीबारी की घटना के बाद कई सवाल हैं। न केवल लॉरेंस बिश्नोई बल्कि भाऊ सहित उसके प्रतिद्वंद्वियों ने दिल्ली को अपना खेल का मैदान बना लिया है। पुलिस को डर है कि इससे बड़े खून-खराबे की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि दोनों सिंडिकेट्स के बीच जल्द गैंगवार की संभावना है।

सरगना विदेश में और कांड दिल्ली में
बिश्नोई ने बॉक्सर-गोगी गिरोह के अलावा रोहित गोदारा, काला जठेड़ी जैसे गैंगस्टरों के गैंग से हाथ मिला लिया है। बवाना, बाली और कौशिक के गैंग के साथ भाऊ जुड़ा है। उसे गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्श डल्ला का भी समर्थन प्राप्त है। यह गिरोह शूटर, हथियार और अन्य चीजों की अदला-बदली कर रहे हैं। कई बार पुलिस भी भ्रमित हो जा रही है। सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि शूटरों को जल्द ही क्राइम ब्रांच या स्पेशल सेल की ओर से गिरफ्तार किया जाएगा। पिछले छह महीनों में ऐसी घटनाओं में आमतौर पर ऐसा ही होता रहा है। आमतौर पर शूटरों को नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है, जबकि सरगना विदेश में रहते हैं और पुलिस मामले को 'सुलझाती' है।

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5 करोड़ की रंगदारी के लिए कॉल किया
तिलक नगर कार शोरूम पर फायरिंग के बाद मालिक को एक दिन बाद पुर्तगाल के गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ से रंगदारी के लिए कॉल आया। सोमवार को शूटरों ने एक कागज की पर्ची फेंकने के बाद शोरूम पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें दो गैंगस्टरों - नीरज फरीदपुरिया और नवीन बाली के नाम थे। इसके अलावा मालिक तरुण मलिक से 5 करोड़ रुपये मांगे जाने का भी जिक्र था। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बाली और एक अन्य कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना से अनौपचारिक रूप से पूछताछ की जो तिहाड़ में हैं।


पुर्तगाल निवासी भाऊ राजधानी में पुलिस के लिए नया सिरदर्द
भाऊ बमुश्किल 21 साल का है लेकिन उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। हिमांशु उर्फ भाऊ - एक गैंगस्टर जिसके पुर्तगाल में होने की आशंका है। वह दिल्ली पुलिस और लोगों के लिए नया सिरदर्द बन गया है। मूल रूप से हरियाणा का गैंगस्टर भाऊ चुपचाप दिल्ली-एनसीआर के गैंग में पैठ बना चुका है। दिसंबर 2023 में भाऊ के गुर्गों ने द्वारका में एक बिल्डर के दफ्तर पर कथित तौर पर 40 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी सीसीटीवी में कैद हुई इस हरकत ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया था। हालांकि संगठित अपराध की दुनिया में भाऊ को पांच साल भी नहीं हुए हैं, लेकिन उसके कथित अपराधों की सूची पहले से ही काफी लंबी है। भाऊ रोहतक के रिटौली गांव का रहने वाला है। 2020 में जब पुलिस ने उसे हमले के लिए पकड़ा तो उसकी उम्र 18 साल से कुछ महीने कम थी। उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी होने से पहले ही देश से भाग गया। वह कथित तौर पर 2022 के अंत में दुबई और फिर पुर्तगाल भाग गया।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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